अल्मोड़ा के जिले के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से भरी बस अनियंत्रित होकर 150 फीट गहरी खाई में गिर गई। हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई जबकि 27 घायल हैं। रामनगर अस्पताल से छह यात्रियों को एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश भेजा गया। 11 को अन्य जगह रेफर किया गया है। नौ लोग रामनगर अस्पताल में उपचाराधीन हैं। खतरनाक मोड़ पर बस मोड़ते समय कमानी टूटने को हादसे की वजह बताया जा रहा है। गढ़वाल मोटर यूजर्स कोऑपरेटिव सोसायटी (यूजर्स) की 42 सीटर बस में 63 यात्री सवार थे। हादसे में 28 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आठ ने अस्पताल ले जाते समय दम तोड़ दिया। मृतकों में दस महिलाओं के अलावा बुजुर्ग और बच्चे भी हैं। मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने मंडल आयुक्त दीपक रावत को मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, पौड़ी के प्रभारी संभागीय परिवहन अधिकारी कुलवंत सिंह व रामनगर की क्षेत्रीय सहायक परिवहन अधिकारी नेहा झा को तत्काल प्रभाव निलंबित कर दिया है। सीएम ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है। बस पौड़ी गढ़वाल के किनाथ से सोमवार सुबह करीब साढ़े छह बजे रामनगर के लिए चली थी। त्योहार की वजह से यात्री ज्यादा थे, जिससे बस ओवरलोड हो गई। करीब आठ बजे मरचूला के कूपी बैंड के पास चालक ने तीव्र मोड़ लेने का प्रयास किया तभी बस की कमानी टूट गई और वाहन अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। चीख-पुकार सुनकर कूपी और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। बाद में, पुलिस और राष्ट्रीय व राज्य आपदा मोचन बल के जवान भी पहुंच गए। घायलों को निकालकर निजी वाहनों से देवायल और रामनगर के अस्पताल ले जाया गया। यहां से गंभीर घायलों को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। हादसे की सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य त्वरित गति से शुरू हुआ। दुर्घटनाग्रस्त बस पौड़ी आरटीओ में पंजीकृत है। आरटीओ पौड़ी द्वारिका प्रसाद ने बताया कि बस 43 सीट पर पास है। बस का फिटनेस व परमिट 12 मार्च 2025 तक के लिए वैध है। आरटीओ ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में बसों की लगातार चेकिंग जारी है। इस साल आरटीओ की टीम ने 113 बसों, टैक्सी व मैक्सी के फिटनेस आदि अपडेट नहीं किए जाने पर उन्हें सीज व चालान की कार्रवाई की है। बस जब खाई में गिरी तो नीचे पत्थर से टकराकर वह पिचक गई। इसमें सवार यात्री बस की चेसिस में दब गए। मौके पर पहुंचे लोगों ने अपने प्रयास से बस में दबे लोगों को निकालने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। करीब एक घंटे बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची तो जवानों ने कटर के जरिये बस की चेसिस काटकर शवों को बाहर निकाला। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हादसे के तुरंत बाद कटर मिल जाता तो और यात्रियों को बचाया जा सकता था। बस में फंसे कई यात्रियों ने बाहर निकलने की आस में दम तोड़ दिया।