नेगी ने टिहरी लोक सभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई
**जन सरोकारों के लिए संघर्ष को जाने जाते हैं रघुनाथ सिंह नेगी
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष और गढ़वाल मंडल विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने विकासनगर स्थित होटल गुरु कृपा में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि जन सरोकारों को लेकर उनका लगभग 30 वर्षों का संघर्ष रहा है। आम जनमानस के अधिकारों के लिए उन्होंने पुलिस की लाठियां खाई हैं। जेल भी गए हैं और दर्जनों बार गिरफ्तारियां दी हैं | उन्होंने हमेशा गरीबों, श्रमिकों, बेरोजगारों और किसानों कर्मचारी कर्मचारी कर्मचारियों के हक- हुकूक के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि यदि उनके संघर्ष को देखते हुए कांग्रेस पार्टी आगामी लोक सभा चुनाव के लिए उन्हें टिहरी लोक सभा संसदीय सीट से अपना प्रत्याशी बनाती है, तो वे मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े कद्दावार नेता भी अपरिहार्य वजह से चुप्पी साधे हुए हैं। प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कोई बोलने को तैयार नहीं। यदि उन्हें कांग्रेस अपना प्रत्याशी बनाती है, तो मोर्चा के प्रदेशभर में फैले हजारों कार्यकर्ता न केवल टिहरी बल्कि शेष लोक सभा सीटों पर कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य करेंगे। कहा कि आज कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने असुरक्षा की भावना घर कर गई है। जिसे दूर करने की जरुरत है। यदि उन्हें कांग्रेस का साथ और जनता का आशीर्वाद मिला तो वे निश्चित तौर पर संसद में गरीब, श्रमिकों, किसान, बेरोजगारों और मजलूमों की आवाज बनेंगे। उन्होंने कांग्रेस हाई कमान से सभी पहलुओं और उनके लंबे संघर्ष को देखते हुए उन्हें लोक सभा का प्रत्याशी बनाए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि वे प्रदेशभर में कांग्रेस को मजबूत करने का कार्य करेंगे।
इतिहास के पन्नों पर दर्ज है रघुनाथ सिंह नेगी का संघर्ष
हर जांच में शासन को देनी पड़ी क्लीन चिट, जांच में निकले बेदाग
वरिष्ठ संवाददाता
विकासनगर। प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार की लड़ाई को लेकर उन्होंने उच्च न्यायालय में वर्ष 2014 में कई जनहित याचिकाएं दाखिल की। न्यायालय में हुई नियुक्तियों में फर्जीवाड़े को लेकर मोर्चा खोला। जिस पर उच्च न्यायालय व सरकार ने मिलकर उनके खिलाफ जांच कराई, लेकिन जांच में ईमानदारी के चलते उन्हें शासन को क्लीन चिट देनी पड़ी। तत्कालीन राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी के खिलाफ भी मोर्चा खोला। राजभवन ने खिन्न होकर गोपनीय जांच कराई। जिसमें वे बेदाग साबित हुए। राज्यपाल डॉ. केके पॉल के खिलाफ भी मोर्चा खोला। राजभवन ने गोपनीय जांच कराई। जिसमें वे बेदाम साबित हुए। भाजपा सरकार में गढ़वाल मंडल विकास निगम के उपाध्यक्ष रहे। अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार एवं कर्मचारियों के प्रति सरकार की उदासीनता को लेकर पद से इस्तीफा दे दिया।
संघर्ष की बानगी
जनता के लिए किए गए संघर्ष के लिए उन्हें कई मुकदमें भी झेलने पड़े। पुलिस की लाठी भी खानी पड़ी। जेल भी गए। जनता के अधिकारों की लड़ाई के लिए कई बार गिरफ्तारियां भी दीं।
ऐसा रहा राजनीतिक सफर