कौन हैं वो जालसाज ! जो सहकारी बैंक भर्ती घोटाले पर कार्रवाई नहीं होने दे रहे- मोर्चा # राजभवन को भी सूंघ गया सांप ! #सरकार का ईमानदारी वाला जुमला भी हुआ हवा -हवाई | #जांच कमेटी जून 2022 में सौंप चुकी रिपोर्ट | # पौने दो साल से जांच के नाम पर फाइल को घुमाया जा रहा | #उच्च न्यायालय का आदर करना भी भूल गई सरकार !
विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट को लगभग पौने दो साल से सार्वजनिक न किए जाने का मामले बहुत ही चिंता जनक है |उक्त घोटाला को जिन दो- तीन बड़े नेताओं की सरपरस्ती में अंजाम दिया गया, वही दोनों- तीनों घोटाले की फाइल को जांच के नाम पर एक पाले से दूसरे पाले में सरका रहे हैं, जिससे मामला शांत पड़ जाए | नेगी ने कहा कि उक्त घोटाले की गूंज पूरे प्रदेश को सुनाई दे रही है,लेकिन उक्त घोटाले के मामले में राजभवन को भी सांप सूंघ गया है | नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा पत्रावली को जांच के नाम पर न जाने किन-किन पटलों पर घुमाया जा रहा है, ऐसा इसलिए किया जा रहा है, जिससे सरकार का भ्रष्टाचार उजागर न हो सके |उक्त फर्जीवाड़ा का करोड़ों रुपया जिन भी दो-तीन नेताओं के पास गया, उनका पोस्टमार्टम भी बहुत जरूरी है | नेगी ने कहा कि इस भ्रष्टाचार के मामले में मा. उच्च न्यायालय के आदेश का सम्मान करना भी सरकार भूल गई | नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी/ गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था ,जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित की थी | नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए में बेचा गया | मोर्चा मांग करता है कि अगर थोड़ी भी शर्म बची है तो इस मामले में कार्रवाई कर करें|। पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व सुशील भारद्वाज मौजूद थे |