टीएचडीसी इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोपावर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (THDC–IHET), टिहरी में एआईसीटीई–अटल द्वारा प्रायोजित “क्लीन एंड अल्टरनेट एनर्जी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट: इनोवेशन्स एंड ट्रेंड्स” विषय पर आयोजित एक सप्ताह का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (FDP) सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देशभर के शिक्षकों को नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों, जल संसाधन प्रबंधन और सतत विकास के क्षेत्र में हो रहे नवीन नवाचारों, शोध प्रवृत्तियों और उभरती संभावनाओं से परिचित कराना था। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के इंजीनियरिंग एवं तकनीकी संस्थानों से आए शिक्षकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सप्ताहभर चले इस FDP के दौरान आईआईटी, एनआईटी, सीएसआईआर लैब और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से आमंत्रित विषय–विशेषज्ञों ने उच्चस्तरीय व्याख्यान प्रस्तुत किए। इन विशेषज्ञों ने ऊर्जा सुरक्षा, स्वच्छ तकनीक, हाइड्रोपावर, स्मार्ट ग्रिड, ग्रीन हाइड्रोजन, कार्बन न्यूट्रैलिटी और भविष्य की ऊर्जा मांग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत जानकारी दी।
प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से हाइड्रोपावर प्लांट का शैक्षणिक भ्रमण भी कराया गया, जहाँ उन्होंने बिजली उत्पादन की प्रक्रियाओं, मशीनरी तथा जलविद्युत परियोजनाओं में अपनाई जाने वाली उन्नत तकनीकों को नजदीक से समझा।
समापन समारोह में संस्थान के निदेशक श्री शरद कुमार प्रधान ने अपने संबोधन में कहा कि वैकल्पिक एवं स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से बढ़ावा देना आवश्यक है, ताकि फैकल्टी सदस्य इस क्षेत्र में शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार हेतु प्रोत्साहित हों और भविष्य की ऊर्जा चुनौतियों के समाधान में योगदान दे सकें।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. हिमांशु नौटियाल ने पूरे सप्ताह के सत्रों, प्रशिक्षण गतिविधियों और तकनीकी चर्चाओं का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मनदीप गुलेरिया, समीर वर्मा सहित अन्य संकाय सदस्य व प्रतिभागी उपस्थित रहे।
