हेमकुंड साहिब यात्रा में रविवार को सर्वाधिक तीर्थयात्री आए हैं। खास बात यह है कि हेमकुंड में अब बर्फ तेजी से पिघल रही है। हेमकुंड साहिब में सरोवर से बर्फ पूरी तरह से पिघल चुकी है। जिससे श्रद्धालुओं को पवित्र सरोवर में स्नान करने में या फिर अन्य खतरे नहीं है। हालांकि अटलाकोटी से हेमकुंड तक अभी भी रास्ते के दोनों ओर अभी भी एक फीट से अधिक बर्फ जमी है। रविवार को हेमकुंड साहिब में झमाझम बर्फबारी हुई है। कपाट खुलने के बाद यह पहली बर्फबारी है। रविवार को सुबह से मौसम साफ था। 2200 से अधिक तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के दर्शनों को आए। कपाट खुलने से लेकर अब तक 17478 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में दर्शन कर चुके हैं। बताया कि दोपहर दो बजे बाद मौसम का मिजाज बदला व झमाझम बर्फबारी हुई। जिसका यात्रियों ने खूब आनंद उठाया। जून माह में बर्फ का अंदेशा किसी भी तीर्थयात्री को नहीं था। इस दौरान तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब में बर्फबारी के दौरान कहीं देर तक धाम में ही जमे रहे। सायं तक क्षेत्र में बर्फबारी होती रही। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनजमेंट ट्रस्ट के सीईओ सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब में दो इंच तक बर्फ गिरी है। गिरी बर्फ तेजी से पिद्यल भी रही है। कहा कि हेमकुंड यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। सुलतान विंड अमृतसर से पहुंचे प्रकाश कौर ने बताया कि हेमकुंड साहिब में दर्शनों के साथ बर्फबारी का आनंद अकल्पनीय है। सचमुच यह क्षेत्र देवभूमि है। अमृतसर निवासी रणजीत कौर हेमकुंड स्वजनों के साथ आए हैं उनका कहना है कि हेमकुंड साहिब में माथा टेकने आए थे हेमकुंड में जिस प्रकार यात्रा के दौरान बर्फबारी हुई है उससे उनकी यह यात्रा यादगार हो गई है।

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