यमुनोत्री धाम में कपाट खुलने के बाद से ही तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ने लगी है। ऐसे में एक तरफ जहां प्रशासन डंडी कंडी और घोड़ा संचालकों को जानकीचट्टी में रेाक रहा है, वहीं, हाईवे पर ट्रैफिक जाम की समस्या भी दूर नहीं हो पा रही है। शनिवार को जहां यात्रा के दूसरे दिन हाईवे पर जाम के कारण यात्री कई घंटे तक परेशान रहे थे, वहीं, आज भी सुबह से हाईवे पर यही हाल बना हुआ है। हाईवे पर खरादी के पास आधी रात से वाहनों की कतार लगी है। इधर, डामटा से लेकर नौगांव, बड़कोट, दुबाटा, गंगनानी, पालीगाड़ आदि जगहों पर सैकड़ों वाहनों में हजारों श्रद्धालुओं को रोका हुआ है। साथ ही यमुनोत्री के पैदल मार्ग पर सुबह से घोड़े खच्चरों और डंडी पालकी को रोकने से यात्रा पर आए श्रद्धालुओं के साथ ही मजदूरों में भी आक्रोश है। मजदूरों ने चारधाम यात्रा प्रशासन पर तानाशाह रवैया अपनाने का आरोप लगाया। हालांकि पैदल श्रद्धालु जा रहें हैं। वहीं, मजदूरों व कुली एजेंसी से जुड़े लोगों का कहना है कि उन्होंने सरकार को राजस्व देकर यह व्यवस्था ली और अब मजदूरों को रोका ज रहा है। इधर, पुलिस प्रशासन का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। धीरे-धीरे उन्हें आगे भेजा जाएगा। दरअसल, जानकीचट्टी से पांच किमी का पैदल मार्ग शुरू होता है। जैसे-जैसे इस पैदल मार्ग पर आगे बढ़ते जाते हैं तो यह संकरा होता जाता है। यात्रा सीजन में पैदल मार्ग के किनारे-किनारे पर ग्रामीण फड़ व खोखे लगाकर दुकानें भी लगाते हैं। वहीं पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं के साथ ही घोड़ा-खच्चरों, डंडी-कंडी का भी संचालन किया जाता है। इस साल यहां यमुनोत्री धाम के कपाटोद्घाटन के साथ ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। भीड़ के कारण पैदल मार्ग पर जगह-जगह श्रद्धालु फंस रहे हैं। श्रद्धालुओं के फंसने से पैदल मार्ग पर दबाव पड़ने की संभावना है। वहीं पैदल मार्ग पर पहाड़ी से पत्थर गिरने का भी हर पल खतरा रहता है। जिसे देखते हुए मजदूरों के रोका जा रहा है। 

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