पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी है. कोर्ट में दिए अपने एफिडेविट में रामदेव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे. इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद को उसके पहले के माफीनामे वाले हलफनामे पर फटकार लगाई थी. पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी है. 6 अप्रैल को कोर्ट में दिए एफिडेविट में उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के विज्ञापन नहीं दिखाएंगे. साथ ही रामदेव ने बीते साल नवंबर में की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मामले में भी माफी मांगी. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि कोर्ट उनके खिलाफ सख्त आदेश देती है. एफिडेविट में रामदेव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे. इस पूरे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद को उसके पहले के माफीनामे वाले हलफनामे पर फटकार लगाई थी.कोर्ट ने इसे कैजुअल और दिखावटी करार दिया था. कोर्ट ने पतंजलि से आधुनिक चिकित्सा को अपमानित करके अपने आयुर्वेदिक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भ्रामक विज्ञापनों को रोकने में उनकी विफलता के लिए माफी मांगने के लिए कहा था. बताते चलें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पतंजलि और उसके संस्थापक पर आरोप लगाया था.

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