इस बार हनुमान जन्मोत्सव विशेष होगा. चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर 23 अप्रैल को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और व्रज योग में बालाजी का प्राकट्‌योत्सव मनाया जाएगा. ज्योतिषविद डॉ. अनीश व्यास ने लोकल 18 को बताया कि हनुमानजी का जन्म मंगलवार की पूर्णिमा के दिन चित्रा नक्षत्र में ही हुआ था. इसलिए इस बार यह अवसर विशेष रहेगा. शास्त्रीय मत के अनुसार जब कोई तिथि 24 घंटे या उससे अधिक समय तक रहती है, तो इस बार हनुमान जयंती संकट मोचक और मंगलकारी रहने वाली हैं. कुंडली विश्लेषक डॉ. भगवती शंकर व्यास बताते हैं कि जिन लोगों की कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में है या फिर साढ़ेसाती चल रही है, उन्हें हनुमान जी की पूजा विधिपूर्वक करनी चाहिए. इससे शनि से जुड़ी दिक्कतें दूर हो जाती हैं. हनुमानजी को मंगलकारी कहा गया है, क्योंकि इनकी पूजा जीवन में मंगल लेकर आती है. धर्म ग्रंथों में 8 पौराणिक पात्रों को अमर कहा गया है, जिनमें हनुमानजी भी हैं. पंचमी, दशम और पूर्णिमा को पूर्णा तिथि माना गया है. हनुमानजी का जन्म मेष लग्न में हुआ है, जिसे पूर्ण योग माना जाता है. पूर्णिमा तिथि 25 घंटे 53 मिनट तक रहेगी. 23 अप्रैल को तड़के 3:25 बजे पूर्णिमा तिथि लग जाएगी, जो 24 अप्रैल को सुबह 5:18 रहेगी. इसलिए मंगलवार सुबह 5:41 से लेकर 7:19 बजे तक मेष लग्न रहेगा. इसके बाद वज्र योग शुरू होगा, जो अगली सुबह 4:57 बजे तक रहेगा. चित्रा नक्षत्र भी पूर्णिमा की सुबह से रात 10:32 मिनट तक होगी और फिर स्वाति नक्षत्र शुरू होगा. यह भी संयोग ही है कि चित्रा नक्षत्र के स्वामी मंगल हैं. वज्र योग साहस, बल और पराक्रम का परिचायक है. हनुमान पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9:03 से 10:41 बजे तक रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:20 से 5:04 बजे तक है और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:53 से दोपहर 12.46 बजे तक रहेगा. ऐसे में मंगलवार के दिन, चित्रा नक्षत्र और वज्र योग में हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाना शुभ होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed